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आज से Repono, Rico Auto Industries, Umiya Mobile समेत इन कंपनियों के Price Band (प्राइस बैंड) में बदलाव II Change in Price Band II

                                                                                                                  

                                                

आज से Repono, Rico Auto Industries, Umiya Mobile समेत इन कई कंपनियों के Price Band (प्राइस बैंड) में बदलाव किये गए हैं। बीएसई ने इसकी जानकारी दी।                      

Sr. No.

Scrip Code

Scrip Name

Price Band % Revised to

1

544435

Adcounty Media India Ltd

5

2

511664

BGIL Films & Technologies Ltd

2

3

531472

Cybele Industries Ltd

5

4

539405

Decorous Investment & Trading Co Ltd

5

5

539679

Kapil Raj Finance Ltd

2

6

505324

Manugraph India Ltd

2

7

500189

NDL Ventures Ltd

5

8

537573

Polymac Thermoformers Ltd

5

9

544463

Repono Ltd

20

10

520008

Rico Auto Industries Ltd

10

11

543977

Rishabh Instruments Ltd

10

12

543513

Uma Exports Ltd

2

13

544464

Umiya Mobile Ltd

20

14

523519

Universal Office Automation Ltd

2

प्राइस बैंड को ही भी सर्किट लिमिट्स कहते हैं।  प्राइस बैंड, एक्सचेंज द्वारा सेट किया गया सुरक्षा उपाय है। जब बहुत ही कम समय में स्टॉक के प्राइस बहुत तेजी से घटते बढ़ते है, तब उसको रोकने में यह काम आता है। जब प्राइस एक्सचेंज द्वारा निर्धारित उप्पर या लोअर सर्किट लिमिट को हिट करती है, तो उस विशेष स्टॉक या कॉन्ट्रैक्ट (EQ, FNO, CDS or MCX) के लिए उस सर्किट प्राइस पर ऑर्डर पेंडिंग रहता हैं।

आसान शब्दों में कहें तो प्राइस बैंड वह प्राइस रेंज है जिसके अंदर ही स्टॉक में उस दिन के लिए ट्रेड कर सकतें है। सर्किट लिमिट 2 से 20% के बीच में हो सकती हैं। यह लिक्विडिटी, वॉल्यूम और शेयरों की केटेगरी के आधार पर तय होती है।

(साभार: www.bseindia.com)

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2-अचानक की गई बंदी इंसान को संभलने का मौका नहीं देती। ऐसे में आनंद के साथ जीने के उपाय क्या हैं। मेरी इस किताब में पढ़िये...बंदी में कैसे रहें बिंदास" 
3-अमीर बनने के लिए पैसों से खेलना आना चाहिए। पैसों से खेलने की कला सीखने के लिए पढ़िये...
4-बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी में किताब- 'बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा' - 
5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
6-इंसान के पास संसाधन या मार्गदर्शन हो या ना हो, सपने जरूर होने चाहिए। सिर्फ सपने के सहारे भी कामयाब होने वालों की दुनिया में कमी नहीं है। - 'जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक' -
7-बेटियों को बहादुर बनने दीजिए और बनाइये, ये समय की मांग है,  "बेटी तुम बहादुर ही बनना " -
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Rajanish Kant मंगलवार, 19 अगस्त 2025
जेम एरोमैटिक्स आईपीओ- निवेश करने से पहले जानें जरूरी बातें
Gem Aromatics(जेम एरोमैटिक्स) IPO Details स्पेशलिटी इंग्रीडिएंट्स बनाने वाली कंपनी जेम एरोमैटिक्स का आईपीओ आम निवेशकों के निवेश के लिए 19 अगस्त से खुल रहा है। इस आईपीओ में पैसा लगाने से पहले कंपनी और उसके आईपीओ के बारे में जरूरी बातें जान लें।  इस एपिसोड में जानिए- -कंपनी की खास खास बात -IPO का प्राइस बैंड -IPO में कम से कम निवेश -IPO अलॉट, पैसे रिफंड, लिस्टिंग की तारीख -IPO में कैसे निवेश करें



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Rajanish Kant सोमवार, 18 अगस्त 2025
RBI ने श्री भारत कोऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री भारत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वडोदरा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 8 अगस्त 2025 के आदेश द्वारा श्री भारत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वडोदरा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों में निरीक्षण और लेखा परीक्षा प्रणाली', 'आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले - यूसीबी', तथा 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 2.50 लाख (दो लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक:

  1. आंतरिक लेखापरीक्षा की प्रणाली स्थापित करने में विफल रहा;

  2. अनर्जक आस्तियों (एनपीए) की निरंतर पहचान करने की प्रणाली स्थापित करने तथा कतिपय ऋणों और अग्रिमों को एनपीए के रूप में वर्गीकृत करने में विफल रहा; और

  3. कतिपय खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा करने में विफल रहा, जिसकी आवधिकता कम से कम छह महीने में एक बार है।

यह कार्रवाई, विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant
RBI ने सरदारगंज मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सरदारगंज मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पाटण, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 8 अगस्त 2025 के आदेश द्वारा सरदारगंज मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पाटण, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘सहकारी बैंक– जमाराशि पर ब्याज दर’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 1 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक ने चालू खाते के अलावा अन्य खातों में भी कुछ ब्याज मुक्त जमाराशि स्वीकार की थीं।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार- www.rbi.org.in)

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2-अचानक की गई बंदी इंसान को संभलने का मौका नहीं देती। ऐसे में आनंद के साथ जीने के उपाय क्या हैं। मेरी इस किताब में पढ़िये...बंदी में कैसे रहें बिंदास" 
3-अमीर बनने के लिए पैसों से खेलना आना चाहिए। पैसों से खेलने की कला सीखने के लिए पढ़िये...
4-बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी में किताब- 'बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा' - 
5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
6-इंसान के पास संसाधन या मार्गदर्शन हो या ना हो, सपने जरूर होने चाहिए। सिर्फ सपने के सहारे भी कामयाब होने वालों की दुनिया में कमी नहीं है। - 'जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक' -
7-बेटियों को बहादुर बनने दीजिए और बनाइये, ये समय की मांग है,  "बेटी तुम बहादुर ही बनना " -
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RBI ने सर्वोदय कमर्शियल कोऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सर्वोदय कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जिला मेहसाणा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 8 अगस्त 2025 के आदेश द्वारा सर्वोदय कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जिला मेहसाणा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'यूसीबी के लाभ से सार्वजनिक/ धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए दान/ अंशदान', 'वित्तीय विवरण - प्रस्तुति और प्रकटीकरण', 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों में निरीक्षण और लेखा परीक्षा प्रणाली', 'आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले - यूसीबी', तथा 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक ने:

i) न्यासों को निर्धारित विनियामक सीमा से अधिक दान दिया;

ii) लाभ-हानि विवरण और तुलन-पत्र में क्रमशः अपने लाभ और आस्तियों की सही और निष्पक्ष स्थिति प्रस्तुत करने में विफल रहा;

iii) लेन-देन की साथ-साथ जाँच करने के बजाय मासिक आधार पर समवर्ती लेखा परीक्षा की और रिपोर्ट विलंब से प्रस्तुत की;

iv) कतिपय अनर्जक आस्तियों (एनपीए) को उचित एनपीए उप-श्रेणी में वर्गीकृत करने में विफल रहा; और

v) खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा करने में विफल रहा, जिसकी आवधिकता छह महीने में कम से कम एक बार है।

यह कार्रवाई, विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार- www.rbi.org.in)

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RBI ने उमा कोऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि उमा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वडोदरा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया



भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 8 अगस्त 2025 के आदेश द्वारा दि उमा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वडोदरा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों में निरीक्षण और लेखा परीक्षा प्रणाली’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 1 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2024 के दौरान आंतरिक लेखा परीक्षा करने में विफल रहा।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार- www.rbi.org.in)

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3-अमीर बनने के लिए पैसों से खेलना आना चाहिए। पैसों से खेलने की कला सीखने के लिए पढ़िये...
4-बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी में किताब- 'बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा' - 
5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
6-इंसान के पास संसाधन या मार्गदर्शन हो या ना हो, सपने जरूर होने चाहिए। सिर्फ सपने के सहारे भी कामयाब होने वालों की दुनिया में कमी नहीं है। - 'जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक' -
7-बेटियों को बहादुर बनने दीजिए और बनाइये, ये समय की मांग है,  "बेटी तुम बहादुर ही बनना " -
8 -अपनी हाउसिंग सोसायटी को जर्जर से जन्नत बनाने के लिए पढ़ें,  डेढ़ साल बेमिसाल -

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RBI ने महाराष्ट्र ग्रामीण बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

 भारतीय रिज़र्व बैंक ने महाराष्ट्र ग्रामीण बैंक, औरंगाबाद पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 12 अगस्त 2025 के आदेश द्वारा महाराष्ट्र ग्रामीण बैंक, औरंगाबाद (बैंक) पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा जारी ‘ऑफसाइट निगरानी प्रणाली - ओएसएस/एफएमएस विवरणी जमा करने की नियत तारीखों में संशोधन’ संबंधी कतिपय निदेशों और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 4.20 लाख (चार लाख बीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में नाबार्ड द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। नाबार्ड और भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक ने:

  1. नाबार्ड को कतिपय धोखाधड़ी की सूचना विलंब से दी; और

  2. खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा, जिसकी आवधिकता कम से कम छह महीने में एक बार हो, के लिए प्रणाली स्थापित करने में विफल रहा।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(साभार- www.rbi.org.in)

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((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 

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1-कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले हर लोगों के लिए जरूरी किताब।
2-अचानक की गई बंदी इंसान को संभलने का मौका नहीं देती। ऐसे में आनंद के साथ जीने के उपाय क्या हैं। मेरी इस किताब में पढ़िये...बंदी में कैसे रहें बिंदास" 
3-अमीर बनने के लिए पैसों से खेलना आना चाहिए। पैसों से खेलने की कला सीखने के लिए पढ़िये...
4-बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी में किताब- 'बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा' - 
5-अमीर बनने की ख्वाहिश हममें से हर किसी की होती है, लेकिन इसके लिए लोगों को पैसे से पैसा बनाने की कला तो आनी चाहिए। कैसे आएगी ये कला, पढ़िये - 'आपका पैसा, आप संभालें' - 
6-इंसान के पास संसाधन या मार्गदर्शन हो या ना हो, सपने जरूर होने चाहिए। सिर्फ सपने के सहारे भी कामयाब होने वालों की दुनिया में कमी नहीं है। - 'जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक' -
7-बेटियों को बहादुर बनने दीजिए और बनाइये, ये समय की मांग है,  "बेटी तुम बहादुर ही बनना " -
8 -अपनी हाउसिंग सोसायटी को जर्जर से जन्नत बनाने के लिए पढ़ें,  डेढ़ साल बेमिसाल -

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Rajanish Kant
Cheque से लेन-देन करन वालों के लिए अच्छी खबर

चेक ट्रंकेशन सिस्टम में निरंतर समाशोधन और प्राप्ति पर निपटान की शुरुआत

कृपया 8 अगस्त 2024 के विकासात्मक और नियामक नीतियों पर वक्तव्य देखें, जिसमें चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) को बैच प्रोसेसिंग की वर्तमान पद्धति से प्राप्ति पर निपटान सहित निरंतर समाशोधन में परिवर्तित करने की घोषणा की गई है।

2. सीटीएस को, दो चरणों में निरंतर समाशोधन और प्राप्ति पर निपटान में पारगमन करने का निर्णय लिया गया है। चरण 1, 4 अक्टूबर 2025 को और चरण 2, 3 जनवरी 2026 को लागू किया जाएगा। इसके लिए रूपात्मकता अनुलग्नक में दी गयी है।

3. सभी बैंकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने ग्राहकों को चेक समाशोधन प्रक्रिया में बदलावों के बारे में पर्याप्त रूप से जागरूक करें।

4. बैंकों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे उपरोक्त तिथियों पर सीटीएस में निरंतर समाशोधन में भाग लेने के लिए तैयार रहें।

5. यह निर्देश भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (अधिनियम 51, 2007) की धारा 18 के साथ धारा 10 (2) के अंतर्गत जारी किया गया है।

सीटीएस में ऑन-रियलाइज़ेशन-निपटान सहित निरंतर समाशोधन के लिए रूपात्मकता

1. निरंतर वितरण के साथ एकल प्रस्तुति सत्र

क) प्रातः 10:00 बजे से सायं 4:00 बजे तक एकल प्रस्तुति सत्र होगा।

ख) शाखाओं द्वारा प्राप्त चेकों को स्कैन किया जाएगा तथा प्रस्तुति सत्र के दौरान बैंकों द्वारा तुरंत तथा निरंतर रूप से समाशोधन गृह को भेजा जाएगा।

ग) क्लियरिंग हाउस अदाकर्ता बैंकों को चेक की छवियाँ निरंतर आधार पर जारी करेगा।

2. बैंकों द्वारा निरंतर आवक प्रसंस्करण और पुष्टिकरण:

क) पुष्टिकरण सत्र सुबह 10:00 बजे शुरू होगा और शाम 7:00 बजे समाप्त होगा।

ख) प्रस्तुत किए गए प्रत्येक चेक के लिए, अदाकर्ता बैंक या तो सकारात्मक पुष्टिकरण (सम्मानित चेक के लिए) या नकारात्मक पुष्टिकरण (अनादृत चेक के लिए) तैयार करेगा।

ग) प्रत्येक चेक में 'आइटम समाप्ति समय' अंकित होगा, जो प्रस्तुत किए गए चेक के लिए अदाकर्ता बैंक द्वारा पुष्टिकरण प्रदान किए जाने के अंतिम समय को दर्शाता है।

घ) अदाकर्ता बैंकों द्वारा प्रसंस्करण पूरे दिन निरंतर और चेक की छवि प्राप्त होते ही वास्तविक समय के आधार पर किया जाना है।

ङ) सकारात्मक/नकारात्मक पुष्टिकरण की सूचना अदाकर्ता बैंकों द्वारा प्रसंस्करण के तुरंत बाद समाशोधन गृह को भेजी जाएगी।

3. आवक प्रसंस्करण के लिए उपलब्ध समय:

क) चरण 1 (4 अक्टूबर 2025 से 2 जनवरी 2026 तक) के दौरान, अदाकर्ता बैंकों को पुष्टिकरण सत्र के अंत (अर्थात शाम 7:00 बजे) तक उनको प्रस्तुत चेकों की पुष्टि (सकारात्मक/नकारात्मक) करनी होगी, अन्यथा उन्हें स्वीकृत माना जाएगा और निपटान के लिए शामिल किया जाएगा। चरण 1 में सभी चेकों के लिए आइटम समाप्ति समय शाम 7:00 बजे निर्धारित किया जाएगा।

ख) चरण 2 (3 जनवरी, 2026 से) में, चेकों की आइटम समाप्ति समय को टी+3 स्पष्ट घंटों में बदल दिया जाएगा। उदाहरण के लिए, अदाकर्ता बैंकों द्वारा सुबह 10:00 बजे से 11:00 बजे के बीच प्राप्त चेकों की पुष्टि उन्हें अपराह्न 2:00 बजे (सुबह 11:00 बजे से 3 घंटे) तक सकारात्मक या नकारात्मक रूप से करनी होगी। जिन चेकों की पुष्टि आहर्ता बैंक द्वारा निर्धारित 3 घंटों में नहीं की जाती है, उन्हें स्वीकृत माना जाएगा तथा अपराह्न 2:00 बजे निपटान के लिए शामिल किया जाएगा।

4. प्राप्ति पर निपटान:

क) चेक प्रस्तुत करने के लिए कोई लेखांकन प्रविष्टियाँ (निपटान) पारित नहीं की जाएँगी।

ख) पूर्वाह्न 11:00 बजे से, पुष्टिकरण सत्र के अंत तक हर घंटे निपटान तय किया जाएगा, जो अदाकर्ता बैंकों से प्राप्त सकारात्मक पुष्टियों और स्वीकृत माने गए चेकों पर आधारित होगा।

ग) नकारात्मक पुष्टिकरण वाले चेकों के लिए कोई लेखांकन प्रविष्टियाँ पारित नहीं की जाएँगी।

5. ग्राहकों को भुगतान जारी करना:

क) निपटान पूरा होने पर, समाशोधन गृह प्रस्तुतकर्ता बैंक को सकारात्मक और नकारात्मक पुष्टिकरणों की जानकारी जारी करेगा।

ख) प्रस्तुतकर्ता बैंक इसे संसाधित करेगा और सफल निपटान के उपरांत, और सामान्य सुरक्षा उपायों के अधीन, ग्राहक को तुरंत, परंतु एक घंटे से अधिक विलंबित नहीं, भुगतान जारी करेगा।


(साभार- www.rbi.org.in)

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